सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री की IT प्रोफेशनल से कम नहीं थी महिला नक्सली, क्या AI एक्सपर्ट थी?

रायपुर : नक्सलियों का जिक्र आते ही जेहन में बंदूक, ग्रैनेड, गोला बारूद से लैस खूंखार अपराधियों की शक्ल उभरकर सामने आती है. लेकिन सोमवार को छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में एक ऐसी नक्सली को पुलिस ने मार गिराया है जो सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री की किसी आईटी प्रोफेशनल से कम नहीं थी. कॉरपोरेट लाइफ स्टाइल अपनाने वाली गैजेट्स सेवी यह नक्सल लेडी, कम्युनिकेशन की सभी लेटेस्ट टेक से वाकिफ थी. बताया जा रहा है कि उसकी उंगलियां लैपटॉप में ऐसे थिरकती थीं मानो वह किसी बड़ी मल्टी नेशनल कंपनी के लिए कोडिंग कर रही हो.
सवाल है कि क्या वह लैपटॉप पर नक्सलियों के लिए स्ट्रेटजी बनाने के साथ डाटा एनालिसी करती थी? उसके पास सेमिला लेटेस्ट लैपटॉप और अन्य गैजैट्स इसी ओर इशारा कर रहे हैँ. संदेह यह भी जताया जा रहा है कि नक्सलियों की दुनिया की यह हुस्नपरी AI और चैटजेपीटी जैसी नई टेक्नोलॉजी का भी इस्तेमाल करती थी. नक्सल मामलों के जानकारों के अनुसार आजकल नक्सली गूगल मैप आदि का भी सहारा ले रहे हैँ, ऐसे में संदेह है कि लैपटॉप पर ही यह महिला नक्सली अपने साथियों के लिए ड्यूटी चार्ट, शिफ्ट लगाने जैसे काम करती थी. पुलिस ऐसे तमाम सवालों के जवाब बारीकी से तलाश रही है. पुलिस हर उस कड़ी को कनेक्ट कर रही है जिससे वह नक्सलियों की बदलती स्ट्रेटजी को समझ सके.
मृतक नक्सली की पहचान रेणुका के रूप में की गई है. वह लॉ ग्रेजुएट थी. रेणुका 1996 से प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) में एक्टिव थी. उस पर छत्तीसगढ़ में 25 लाख और तेलंगाना में 20 लाख रुपए का पुरस्कार घोषित था.
अधिकारी ने बताया कि वह नक्सली संगठन की ओर से प्रेस रिलीज जारी करती थी. यही नहीं रेणुका पत्रिकाओं जैसे कि प्रभात, महिला मार्गम, आवामी जंग, पीपुल्स मार्च, पोडियारो पोल्लो, झंकार, संघर्षरत महिला, पितुरी, मिडंगुर, भूमकाल संदेश की प्रिंटिंग और पब्लिकेशन का काम भी करती थी।
एसपी गौरव राय ने बताया कि रेणुका का भाई जी वी के प्रसाद उर्फ सुखदेव उर्फ गुड़सा उसेंडी भी स्पेशल जोनल कमेटी का सदस्य था लेकिन उसने 2014 में तेलंगाना में आत्मसमर्पण कर दिया था.
जब हुआ इश्क!
अधिकारी ने बताया कि रेणुका का विवाह 2005 में सेंट्रल कमेटी सदस्य (सीसीएम) शंकामुरी अप्पाराव उर्फ रवि के साथ हुआ था. रवि 2010 के नलमल्ला मुठभेड़ (आंध्र प्रदेश) में मारा गया था.उन्होंने बताया कि सुरक्षाबलों ने घटनास्थल से इंसास राइफल, मैगजीन, गोला बारूद, लैपटॉप, नक्सली साहित्य और दैनिक उपयोग का सामान बरामद किया है.
नक्सलियों के विरुद्ध छत्तीसगढ़ की साय सरकार इन दिनों लगातार अभियान चला रही हैँ. पिछले 15 महीने में 1200 नक्सली गिरफ्तार किए जा चुके हैँ वहीं 1000 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैँ.वहीं इस दौरान 300 से अधिक नक्सली मार गिराए गए हैँ. देश के गृह मंत्री अमित शाह लगातार माओवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने को लेकर प्रयास कर रहे हैँ. वह निरंतर नक्सल विरोधी अभियान की समीक्षा कर रहे हैँ. केंद्रीय गृह मंत्री ने मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ से पूरी तरह नक्सली उन्मूलन का लक्ष्य तय किया है. केंद्र की मोदी सरकार और छत्तीसगढ़ की साय सरकार के संयुक्त प्रयास से यह लक्ष्य पूरा होता नज़र आने लगा है. पुलिस और अर्धसानिक बलों के जवान लगातार नक्सलवाद की जड़ पर प्रहार कर रहे हैँ.
एसपी गौरव राय के मुताबिक बस्तर क्षेत्र में दंतेवाड़ा और बीजापुर जिलों की सीमा पर स्थित जंगल में सुबह करीब नौ बजे मुठभेड़ हुई, जब जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के जवान नक्सल विरोधी अभियान पर निकले थे. नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना के आधार पर गीदम (दंतेवाड़ा) और भैरमगढ़ (बीजापुर) की सीमा पर नेलगोड़ा, इकेली और बेलनार गांवों की जंगली पहाड़ियों में अभियान चलाया गया. यहां दो घंटे गोलीबारी हुई.