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BMS की डिमांड पर असंगठित क्षेत्र को श्रम मंत्री ने दिया भरोसा

नई दिल्ली : भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) से संबद्ध 15 असंगठित क्षेत्र में कार्यरत महासंघों द्वारा सौंपे गए मांगों के जवाब में, केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख भाई मंडाविया ने कहा कि भारत सरकार सभी असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा कवरेज प्रदान करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इसे सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बताया। डॉ. मंडाविया ने नई दिल्ली में भारतीय मजदूर संघ के एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत के दौरान यह आश्वासन दिया।

असंगठित क्षेत्र में कार्यरत 15 अखिल भारतीय संघों के प्रतिनिधियों और बीएमएस के अखिल भारतीय उप महासचिव श्री सुरेन्द्र कुमार पाण्डेय के नेतृत्व में 32 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने 7 नवंबर 2025 को माननीय मंत्री जी के साथ मुलाकात की और एक संयुक्त मांगपत्र सौंपा। सभी महासंघ विभिन्न क्षेत्र के श्रमिकों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिनमें मत्स्य श्रमिक, वन श्रमिक, बीड़ी श्रमिक, कृषि श्रमिक, बागान श्रमिक, ठेका एवं आउटसोर्सिंग श्रमिक, घरेलू श्रमिक, रेहड़ी-पटरी वाले, निजी मोटर परिवहन श्रमिक, प्लेटफार्म वर्कर्स, आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ता, आशा कार्यकर्त्ता, मध्याह्न भोजन श्रमिक, एनएचएम और 108 एम्बुलेंस श्रमिक, निर्माण श्रमिक और ईएसआईसी अस्पतालों के कर्मचारी शामिल हैं

दो घंटे की लम्बी बैठक में सार्थक चर्चा हुई। मंत्री ने प्रतिनिधियों की बातों को धैर्यपूर्वक सुना और उन्हें श्रमिकों के जीवन स्तर और कल्याण में सुधार के लिए नवीन विचारों को साझा करने के लिए आमंत्रित किया। प्रतिनिधिमंडल में भारतीय मजदूर संघ के अखिल भारतीय उपाध्यक्ष, भविष्य निधि संगठन के केन्द्रीय न्यास बोर्ड के सदस्य सुंकरी मल्लेशम; भारतीय मजदूर संघ अखिल भारतीय संगठन मंत्री बी. सुरेन्द्रन; सचिव वी. राधा कृष्णनन; सचिव कुमारी अंजलि पटेल; सेक्टर प्रभारी जयंती लाल; औद्योगिक प्रभारी जयंत देशपांडे और महासंघों के अध्यक्ष एवं महासचिव शामिल थे।

मंत्री महोदय के समक्ष उठाए गए प्रमुख मुद्दों में रोज़गार सुरक्षा, वेतन सुरक्षा, सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य कवरेज, दुर्घटना बीमा, कल्याणकारी योजनाओं का निजीकरण, कार्यस्थल पर उत्पीड़न, कल्याणकारी वेब पोर्टलों में तकनीकी समस्याएँ, मनरेगा को कृषि कार्य से जोड़ना और संविदाकर्मियों का शोषण आदि शामिल थे। असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए वेतन संहिता और सामाजिक सुरक्षा संहिता के कार्यान्वयन पर, मंत्री महोदय ने सकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त की और आश्वासन दिया कि वे इस प्रक्रिया में तेज़ी लाने के लिए केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और नियोक्ता संगठनों के साथ विचार-विमर्श करेंगे।

घरेलू कामगारों की चिंताओं के संबंध में, डॉ. मंडाविया ने घोषणा की कि भारत की उत्कृष्ट परंपराओं और मूल्यों को संरक्षित करते हुए, भारतीय परिस्थितियों के अनुरूप एक नई नीति तैयार की जाएगी। उन्होंने श्रम एवं रोज़गार मंत्रालय से संबंधित मामलों पर समय-समय पर समीक्षा बैठकें आयोजित करने पर भी सहमति व्यक्त की। यह पहली बार है जब केंद्रीय श्रम मंत्री ने असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का प्रतिनिधित्व करने वाले संघों के साथ इतने बड़े स्तर पर लम्बी बैठक की है।

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