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वक्फ संशोधन बिल पर भाजपा के इस सीएम ने कांग्रेस को इतिहास याद दिलाया तो गूंज उठी तालियां….

रायपुर। स्व. अटल बिहारी बाजपेयी मेडिकल कॉलेज ऑडिटोरियम, रायपुर में वक्फ संशोधित अधिनियम – 2025 के संबंध में आयोजित व्याख्यान माला में केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ जितेंद्र सिंह मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय, प्रदेश उपाध्यक्ष शिवरतन शर्मा, कैबिनेट मंत्री रामविचार नेताम, प्रदेश महामंत्री व छ.ग. राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव, छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज, अल्पसंख्यक मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष शकील अहमद, भाजपा जिला अध्यक्ष रमेश ठाकुर, प्रदेश सोशल मीडिया संयोजक सोमेश पांडेय, आईटी सेल संयोजक सुनील पिल्लई, सहित अन्य गणमान्य जन उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि वक्फ का गठन मुस्लिम समाज के विद्वानों ने जिस उद्वेश्य के साथ किया था कि मुस्लिम समाज में जो पसमांदा मुस्लिम हैं, महिलाएं हैं जो गरीब तबके के हैं वक्फ बोर्ड से उनको लाभ हो, उनकी गरीबी दूर हो। लेकिन कालांतर में कांग्रेस की सरकार ने वक्फ बोर्ड को ऐसी शक्ति दे दी कि इसका दुरुपयोग होने लगा। कांग्रेस ने वक्फ बोर्ड में ऐसे संशोधन किए कि इससे वक्फ बोर्ड को तानाशाही अधिकार मिल गए। वक्फ बोर्ड के भीतर का लोकतंत्र इस तानाशाही अधिकार के चलते समाप्त हो गया और इससे मुस्लिम समाज के अनेक अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्य बाहर हो गए। वास्तव में कांग्रेस ने वर्ष 2013 में वक्फ संशोधन लाकर संविधान की मूल भावना की हत्या की थी।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कांग्रेस ने बाबा साहेब अम्बेडकर जी के विचारों का अपमान किया था। सारे रसूखदार सदस्य वक्फ बोर्ड पर काबिज थे, वे वक्फ बोर्ड को अपने अनुसार चलाते थे। वक्फ की सारी संपत्तियों को अपनी इच्छानुसार इस्तेमाल करते थे। वक्फ संशोधन बिल पर कांग्रेस अंग्रेजों की तरह फूट डालो और राज करो की नीति पर चलना चाहती है। जबकि वक्फ संशोधन अधिनियम का अच्छी तरह से अध्ययन करने से एक आम आदमी भी समझ जाएगा कि यह केवल और केवल गरीब और पिछड़े मुसलमानों की बेहतरी के लिए लाया गया है। वक्फ बोर्ड को ऐसे असीमित अधिकार दे दिए गए कि जिससे वह चाहे जिसकी जमीन को भी क्लेम कर सकता था, मुसलमान की जमीनों को भी क्लेम कर लिया गया।

यह संशोधन आम मुसलमान के हित में है, महिलाओं के हित में है और देशहित में है – रामविचार नेताम

कैबिनेट मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि जब वक्फ संशोधन अधिनियम पारित हुआ तब देशभर में मुसलमान भाइयों ने खुशियां मनाई और इसके समर्थन में पोस्टर दिखाए। एक ऐसा वर्ग भी रहा, जिसने इसका विरोध किया है लेकिन इस वर्ग को भ्रमित किया गया है इसी वर्ग तक सुधारों की सच्चाई को बताना है। यह बिल किसी धर्म के विरुद्ध नहीं, बल्कि न्याय और समानता के मूल्यों को मजबूत करने वाला है। यह बिल वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। मुस्लिमों के साथ इसका एक बड़ा लाभ आदिवासियों को है. हम लोग छत्तीसगढ़ राज्य में है. कांग्रेस के राज में जो संशोधन आए, उस वक्त बोर्ड की वजह से आदिवासियों की जमीन खतरे में पड़ गई। हमने वक्फ संशोधन लाकर आदिवासियों को इस खतरे से बचाया है। 5वीं और 6वीं अनुसूची में वक्फ संपत्ति तैयार करने पर रोक लगेगी। उन्होंने कहा है वक्फ बोर्ड संशोधन को हम आनन फानन में लेकर नहीं आए। हमने महीनों इस पर विचार किया। सभी वर्गों से प्रतिक्रिया ली गई। जब विपक्ष ने कहा कि बोर्ड के संशोधनों पर विस्तार से चर्चा हो, बारीकी से समीक्षा हो तब प्रधानमंत्री जी ने जेपीसी के गठन का निर्णय लिया। जगदंबिका पाल जी जेपीसी के अध्यक्ष बने। सदस्यों ने जो संशोधन सुझाए, उन्हें शामिल किया गया। इस तरह से एक गंभीर विचार विमर्श प्रक्रिया के पश्चात यह संशोधन तैयार हुआ है। यह संशोधन आम मुसलमान के हित में है, महिलाओं के हित में है और देशहित में है।

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