
छत्तीसगढ़ के बजट में क्या है खास
रायपुर : छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने अपने कार्यकाल का दूसरा बजट 3 मार्च को पेश कर दिया। 1 लाख 65 हजार करोड़ रुपए के इस बजट सभी वर्गों का ख्याल रखने की कोशिश की गई है।
इस बार के बजट में कृषक उन्नति योजना के लिए 10 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। 5 हार्स पावर तक के कृषि पंपों को मुफ्त बिजली आपूर्ति के लिए 3500 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। इससे सिंचाई सुविधा का विस्तार होगा। सरकार ने इस बजट के जरिए कृषि से जुड़ी सहायक गतिविधियों को बढ़ावा दिया गया है। मछली पालन, डेयरी, पोल्ट्री, बकरी पालन, सुअर पालन के लिए 200 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। बनासकाठा की तर्ज हमारे प्रदेश में डेयरी उद्योग का विकास होगा। महतारी वंदन योजना के लिए 5500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। बजट के जरिए अगले तीन साल में महिला स्व सहायता समूह से जुड़ी 8 लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा है। कोरबा, जांजगीर-चांपा, सूरजपुर में 3 नये पुलिस स्टेशन स्थापित किए जाएंगे।
वित्त मंत्री ओपी चौधरी जी हमेशा से नवाचार को अपनाते रहे हैं। पिछली बार उन्होंने जहां डिजिटल बजट पेश किया। वहीं इस बार हाथ से लिखा बजट पेश कर एक नई मिसाल प्रस्तुत की है। पेट्रोल में वैट की दर 1 प्रतिशत कटौती किए जाने का उपभोक्ताओं ने स्वागत किया है। हालांकि इसे अपर्याप्त बताया जा रहा है।
साय सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के डीए में 53 प्रतिशत की वृद्धि कर उन्हें एक बड़ा तोहफा दिया है। इससे लोगों के हाथ में पैसा आएगा तो इसका सीधा लाभ अर्थव्यवस्था को मिलेगा।
प्रदेश के मुखिया साय जनजातीय समाज से आते हैं। प्रदेश की 32 प्रतिशत आबादी जनजातीय समाज की है। वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने जनजातीय क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं और अधोसंरचना के विस्तार हेतु 221 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।