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छत्तीसगढ़ में धान खरीदी के लिए सरकार ने की ये तैयारी..

रायपुर : राज्य शासन द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के अंतर्गत किसानों से समर्थन मूल्य पर धान का उपार्जन 15 नवम्बर 2025 से प्रारंभ किये जाने का निर्णय लिया गया है।

धान उपार्जन की प्रक्रिया को अधिक कृषक उन्मुख, दक्ष और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से खाद्य विभाग द्वारा संभागवार जिला स्तरीय अधिकारियों की कार्यशाला सह-प्रशिक्षण का आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यशाला 15 अक्टूबर से 17 अक्टूबर 2025 तक नागरिक आपूर्ति निगम के सभाकक्ष में आयोजित की जा रही है।

सचिव, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग, प्रबंध संचालक, विपणन संघ तथा संचालक, खाद्य विभाग के मार्गदर्शन में रायपुर एवं बिलासपुर संभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों को 15 अक्टूबर 2025 को प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इस प्रशिक्षण में जिलों से नोडल अधिकारी के रूप में अपर कलेक्टर एवं डिप्टी कलेक्टर सम्मिलित हुए, साथ ही जिला विपणन अधिकारी, जिला खाद्य अधिकारी, उप-पंजीयक / सहायक पंजीयक सहकारिता, संग्रहण केंद्र प्रभारी, उपार्जन केंद्र प्रभारी और डाटा एंट्री ऑपरेटर आदि भी प्रशिक्षणार्थी के रूप में उपस्थित थे।

कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से होगी धान उपार्जन की सतत निगरानी

उल्लेखनीय है कि शासन द्वारा धान उपार्जन एवं निराकरण प्रक्रिया में संभावित अनियमितताओं को नियंत्रित करने के उद्देश्य से विपणन संघ मुख्यालय स्तर पर ‘इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर’ की स्थापना का निर्णय लिया गया है।
इसके क्रियान्वयन हेतु जिला स्तर पर भी कंट्रोल एंड कमांड सेंटर स्थापित किये जा रहे हैं। इस संदर्भ में मोबाइल एप के माध्यम से विभिन्न प्रकार के अलर्ट के निराकरण की प्रक्रिया पर संबंधित अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया है। इस हेतु पर्याप्त मानव संसाधन एवं तकनीकी अधोसंरचना की उपलब्धता के संबंध में आवश्यक मार्गदर्शन जिला अधिकारियों को प्रदान किया गया है, जिसे निर्धारित समय-सीमा के भीतर पूर्ण करना अनिवार्य किया गया है।

किसानों की सुविधा और पारदर्शिता सुनिश्चित करने हेतु विशेष प्रशिक्षण

उपार्जन केंद्रों में धान के उचित रखरखाव एवं किसानों की सुविधाओं के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने हेतु उपार्जन केंद्र प्रभारियों और सहकारिता विभाग के अधिकारियों को भी प्रशिक्षण प्रदान किया गया।

गौरतलब है कि सरकार द्वारा किसानों से एक-एक दाना धान खरीदे जाने की प्रतिबद्धता को पूर्ण करने के लिए समिति एवं जिला स्तर के अधिकारियों की संवेदनशीलता और तत्परता अपेक्षित है। इसी अनुक्रम में, धान उपार्जन से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि किसानों को किसी भी प्रकार की असुविधा या समस्या का तत्काल निराकरण किया जाए।

संवेदनशील केंद्रों पर विशेष निगरानी और उड़नदस्ता दल की तैनाती

प्रदेश के उपार्जन केंद्रों को पूर्व वर्षों में दर्ज प्रकरणों और संभावित अनियमितताओं के आधार पर अतिसंवेदनशील, संवेदनशील और सामान्य श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है।
जिला प्रशासन द्वारा संवेदनशील तथा अतिसंवेदनशील उपार्जन केंद्रों पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। इन केंद्रों पर पृथक नोडल अधिकारी नियुक्त किये जाएंगे, जो समय-समय पर उपार्जन केंद्रों का निरीक्षण करेंगे।

इसके अलावा इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से प्राप्त अलर्ट संदेशों के आधार पर उड़नदस्ता दल द्वारा तत्काल कार्रवाई की जाएगी। प्रदेश के सीमावर्ती उपार्जन केंद्रों में पर्याप्त चेक पोस्ट की स्थापना की जा रही है ताकि अवैध धान की आवक को रोका जा सके। इस संबंध में सभी जिलों को अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए हैं।

टोकन व्यवस्था, प्रशिक्षण और ट्रायल रन की समय-सारणी तय

प्रशिक्षणार्थियों को प्रस्तावित टोकन व्यवस्था (ऑनलाइन तथा समिति के माध्यम से) के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही, संग्रहण केंद्रों में धान के उचित रखरखाव के लिए भी आवश्यक निर्देश प्रसारित किए गए।

जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा 25 अक्टूबर से 30 अक्टूबर 2025 के मध्य जिला एवं अनुविभाग स्तर पर धान उपार्जन विषयक प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा। इसके बाद 4 नवम्बर से 7 नवम्बर 2025 के बीच उपार्जन केंद्रों में ट्रायल रन किया जाएगा तथा 09 नवम्बर 2025 से टोकन आवेदन प्रक्रिया प्रारंभ होगी। सभी जिलों को 30 अक्टूबर 2025 तक धान उपार्जन से संबंधित सभी तैयारियां पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं।

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