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सीएम साय 35 लाख लोगों का दिल जीत लिया, जानिए कैसे….

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मधुसूदन दास की प्रतिमा पर किया माल्यार्पण

उत्कल दिवस पर ओडिशा राज्य स्थापना की ऐतिहासिक प्रेरणा को किया नमन

रायपुर, 01 अप्रैल 2025 : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने 1 अप्रैल को राजधानी रायपुर के महिला थाना चौक (मधुसूदन दास चौक) में उत्कल दिवस के अवसर पर महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बैरिस्टर मधुसूदन दास की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें सादर नमन किया।

मुख्यमंत्री साय ने उत्कल समाज और ओडिशा वासियों को दी शुभकामनाएं

मुख्यमंत्री साय ने ओडिशा राज्य स्थापना दिवस (उत्कल दिवस) पर प्रदेश सहित देशभर में रह रहे उत्कल समाज के सभी बंधुओं को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि यह दिवस केवल ओडिशा के गठन का उत्सव नहीं, बल्कि संघर्ष, आत्मगौरव और सांस्कृतिक एकता की प्रेरणा है।मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में बड़ी संख्या में उत्कल समाज के लोग निवास करते हैं, जो प्रदेश की सामाजिक समरसता और विविधता को सशक्त बनाते हैं। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में लगभग 35 लाख ओड़िया समाज के लोग रहते हैँ. ऐसे में सीएम साय की इस पहल ने सभी ओडिया भाषी लोगों का दिल जीत लिया है.

बैरिस्टर मधुसूदन दास के योगदान को किया नमन

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बैरिस्टर मधुसूदन दास जैसे दूरदर्शी और समर्पित व्यक्तित्व के संघर्षों के कारण ही 1 अप्रैल 1936 को ओडिशा राज्य का गठन हुआ। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ और ओडिशा के बीच सदियों से सांस्कृतिक और सामाजिक संबंध रहे हैं। उन्होंने बताया कि महाप्रभु श्री जगन्नाथ को चढ़ने वाला भोग का चावल आज भी छत्तीसगढ़ से जाता है। विशेष रूप से देवभोग क्षेत्र का चावल, जो प्रभु के प्रसाद के रूप में उपयोग होता है, दोनों राज्यों के धार्मिक जुड़ाव का प्रतीक है।

महाप्रभु जगन्नाथ से प्रदेशवासियों के कल्याण की कामना

मुख्यमंत्री साय ने महाप्रभु श्री जगन्नाथ से छत्तीसगढ़वासियों के सुख, शांति और समृद्धि की कामना की। उन्होंने कहा कि भगवान जगन्नाथ का आशीर्वाद हमेशा छत्तीसगढ़ पर बना रहेगा।

इस अवसर पर विधायक श्री किरण देव, विधायक श्री पुरंदर मिश्रा, विधायक श्री सुनील सोनी, महापौर श्रीमती मीनल चौबे, सभापति श्री सूर्यकांत राठौर, श्री संजय श्रीवास्तव, उत्कल समाज के सदस्य एवं बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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