Opinion

बाढ़ से बस्तर में हाल बेहाल, कांग्रेस ने सरकार से की 6 मांग

रायपुर : छत्तीसगढ़ कांग्रेस बस्तर में बाढ़ को सियासी मुद्दा बना रही है. 2 अगस्त को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि पूरे बस्तर में पिछले एक हफ्ते में बारिश ने जो कहर बरपाया है. ऐसा मंजर पिछले 100 साल में देखने को नहीं मिला. यह बड़ी त्रासदी है जो बस्तर के लोगों को झेलनी पड़ रही है. इस बरसात ने सड़कों, पुल-पुलियों को तबाह किया ही है, आम आदमी की रोजी-रोटी के साधन खेती-बाड़ी सभी बर्बाद हो गये है. कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा, लगातार तीन दिनों तक बस्तर दंतेवाड़ा एवं अन्य बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर हमने सभी जगह की स्थिति देखी, लोग बहुत परेशानी में है, खाना, पीना, दवाइयां कुछ भी नहीं उनके पास. वहीं लोगों के घर टूट गये, घर में रखे सामान गंज-बर्तन, दाल-चावल, गैस-चुल्हा, टीवी, फ्रीज, कम्प्यूटर, कपड़ा, बेड, सोना-चांदी, नगद पैसा, आलमारी सभी बह गया. स्कूल बच्चों का कॉपी-पुस्तक, ड्रेस, अंकसूची सभी बह गये. किराना दुकान का सामान, ट्रैक्टर, मोटर सायकल, कार, सोफा-सेट सभी बह गये. मुर्गा, बकरा, गाय-बैल सब बह गये. किसानों का फसल, जमीन का कागजात बह गया. घरों में रखा कपड़ा अनाज, नगदी रुपया सब कुछ बह गया, बर्बाद हो गया। जीवन थम गया है, लोगों के चेहरे में बेबसी, लाचारी साफ दिख रही. हमने अनेकों गांव का दौरा कर बाढ़ पीड़ित परिवारों की समस्याएं सुना और हाल-चाल जाना. दंतेवाड़ा भी गया था. बाँगापाल, बड़े तुमनार, दंतेवाड़ा, आवराभाटा, सुरभि कॉलोनी, बालपेट (भैरमबद़) का दौरा किया. छोटी टिफरा, मांदर, नेगानार, चित्रकोट, हारमपारा, बास्तानार, बड़े किलेपाल, छोटे किलेपाल, बड़े काकलूर, कुमार साडरा, बोधेनार सहित दर्जनों गांव का दौरा किया. बालपेट हाई स्कूल व (भैरमबद़) के राहत शिविर भी गया था पीड़ितों से मुलाकात की.बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि जो राहत सामग्री मिल भी रहा है तो वो नाकाफी है. कुछ को मिला, तो कुछ को नहीं.

तुरंत सरकार यह कदम उठाए

  1. प्रभावितों को तात्कालिक राहत राशि 50000 और मुआवजा राशि दस लाख का वितरण करे।
  2. बस्तर के लिए विशेष राहत पैकेज की घोषणा किया जाए।
  3. टूट चुके मार्गो पुल पुलिया का मरम्मत शुरू कर आवागमन को बहाल किया जाय।
  4. बिजली व्यवस्था तुरंत बहाल की जाए।
  5. प्रभावितों का व्यवस्थापन सुरक्षित स्थान पर उनकी सहमति से किया जाए।
  6. स्कूली बच्चों को कापी किताब बस्ते स्कूल ड्रेस उपलब्ध करवाया जाए।

मुख्यमंत्री बस्तर गये थे, लेकिन उनका बस्तर दौरा भी केवल खानापूर्ति साबित हुआ

  • मुख्यमंत्री केवल दो तीन प्रभावितो को राहत का चेक दिये। कुछ लोगों को साड़ियां दिया वह भी फटी हुई थी. शिकायत करने पर प्रभावित को थाने में तीन घंटे बैठा कर रखा गया.
  • पक्के मकान के लिए केवल 1 लाख बीस हजार तथा कच्चे मकान के लिए 10 हजार मुआवजे की घोषणा की गयी है, जो अपर्याप्त है। यह राशि बढ़ाई जानी चाहिए, पक्के मकान को 10 लाख, कच्चे मकान के 5 लाख मुआवजा दिया जाय. मुख्यमंत्री का दौरा बस्तर वासियों के जले में नमक साबित हुआ.
  • हमने भी कांग्रेसजनों और प्रदेश की जनता से बस्तर के बाढ़ प्रभावितों की मदद की अपील किया है। मैं सभी से आग्रह करता हूं अपनी क्षमता के अनुसार बाढ़ प्रभावितों की मदद के लिये आगे आयें.
  • प्रदेश कांग्रेस की तरफ से भी हम राहत सामग्री भेजने की तैयारी कर रहे है.
  • पत्रकार वार्ता में प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंह गैदू, प्रदेश कांग्रेस विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला, महामंत्री सकलेन कामदार, वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर, सुरेन्द्र वर्मा, संयुक्त महासचिव डॉ. अजय साहू, सारिक रईस खान, प्रवक्ता अजय गंगवानी उपस्थित थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button