Opinion

शनिवार की छुट्टी क्या होगी हमेशा के लिए कैन्सिल? कांग्रेस ने कहा,तुगलकी फरमान

रायपुर : शनिवार को सरकारी कार्यालयों में छुट्टी खत्म करने को लेकर भले ही अभी कयास का दौर चल रहा हो लेकिन इसे लेकर सियासत भी शुरू हो गई है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता अजय गंगवानी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में साय सरकार बहुत जल्द सरकारी विभागों में शनिवार की छुट्टी को समाप्त करने के तुगलकी फरमान को बिना कर्मचारी संगठनों के चर्चा के, बिना उनसे राय लिए और बिना उनको विश्वास में लिए कर्मचारियों पर थोपने की पूरी तैयारी कर चुकी है

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अजय गंगवानी के मुताबिकसामान्य प्रशासन विभाग (GAD) ने एक रिपोर्ट बनाकर सरकार को भेज दी है कि सरकारी कर्मचारियों को शनिवार को भी काम करना चाहिए, बहुत जल्द ही सांय सरकार छत्तीसगढ़ में सारे सरकारी विभागों में इस तानाशाही से भरे निर्णय को अमली जामा पहनाने की पूरी तैयारी कर चुकी है यह आदेश पुलिस विभाग और मंत्रालय में पहले ही लागू हो चुका है बाकि सरकारी विभागों में बहुत जल्दी लागू कर दिया जाएगा. केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है केंद्रीय कर्मचारियों को शनिवार और रविवार को अवकाश मिलता है, देश के बहुत सारे भाजपा शासित राज्यों में सरकारी कर्मचारियों को शनिवार और रविवार को अवकाश की सुविधा प्राप्त है, फिर आखिर भाजपा का ये दोहरा चरित्र क्यों? सांय सरकार छग के कर्मचारियों के साथ यह सौतेला एवं भेदभाव पूर्ण रवैया क्यों अपना रही है.

कांग्रेस प्रवक्ता का तर्क
प्रदेश प्रवक्ता अजय गंगवानी ने कहा कि विश्व के विकसित राष्ट्रो में, हैप्पीनेस इंडेक्स में सबसे अग्रणी देशों में और मल्टीनेशनल कंपनिया भी यह मानती है कि दिनों के बजाय कर्मचारी अगर बेहतर कार्य क्षमता, बिना मानसिक दबाव, प्रोडक्टिव काम करता है तो उसके रिजल्ट और आउटपुट ज्यादा बेहतर होते हैं. PHQ द्वारा शनिवार को अवकाश समाप्त करने का आदेश जारी हो चुका है. जबकि पुलिस विभाग के कर्मचारी सबसे ज्यादा मानसिक दबाव और अपराधियों के बीच विपरीत परिस्थितियों में अपनी ड्यूटी निभाते है और अपने परिवार को समय भी नहीं दे पाते. हमने कई ऐसी घटनाये देखी है जिसमे वर्क प्रेशर और मानसिक दबाव के चलते डिप्रेशन में आकर पुलिस विभाग के कुछ अधिकारियों ने आत्महत्या तक कर ली थी, कुछ अधिकारियो ने अपने ही विभाग के कर्मचारी पर गोली चला दी थी उनकी शनिवार की छुट्टी समाप्त करना किसी प्रकार से भी न्यायोचित नहीं है और सामाजिक न्याय के मूल सिद्धांत के विपरीत है.

भूपेश सरकार ने लागू किया था फाइव डे वर्क नियम

4 साल पहले छग में पूर्ववर्ती कांग्रेस की भूपेश सरकार ने शासकीय कर्मचारियों की कार्य-क्षमता और उत्पादकता बढ़ाने के लिए प्रति सप्ताह पांच दिवसीय कार्य प्रणाली लागू की थी. तब इस फैसले का कर्मचारी फेडरेशन ने भी स्वागत किया था. लेकिन सूबे की साय सरकार अब इस सरकारी कर्मचारियों के हित में लिए गए इस अच्छे निर्णय को बदलने जा रही है. पूर्ववर्ती कांग्रेस की भूपेश सरकार ने कर्मचारियों के हित के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने का प्रयास किया परंतु केंद्र सरकार लगातार उसमें अड़ंगा लगती रही.

कांग्रेस उठा रही मुद्दा

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अजय गंगवानी ने बताया कि छत्तीसगढ़ की साय सरकार राजनैतिक प्रतिद्वंदिता के चलते पूर्ववर्ती भूपेश सरकार के जनहित में अच्छे निर्णयों को दुर्भावनापूर्वक लगातार बदलने की साजिश और षड्यंत्र कर रही है, जिसका हर्जाना छत्तीसगढ़ की आम जनता लगातार भुगत रही हैं.

पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को क्रेडिट ना मिल जाए वर्तमान साय सरकार पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की अच्छी योजनाओं को लगातार बंद करने का दुष्प्रयास और साजिश कर रही है. चाहे वह बिजली बिल हाफ की योजना हो, युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने की बात हो, गरीब बच्चों की अच्छी शिक्षा के लिए स्वामी आत्मानंद योजना हो, या भूमिहीन कृषक मजदूर के फायदे के लिए राजीव गांधी भूमिहीन कृषक मजदूर न्याय योजना हो. भाजपा सरकार के द्वारा कर्मचारियों के शनिवार अवकाश को समाप्त करने का यह निर्णय पूरी तरह कर्मचारी विरोधी और अलोकतांत्रिक है एवं मानवधिकारों का सीधा हनन है.पूरी कांग्रेस पार्टी सरकार से मांग करती है कि इस कर्मचारी विरोधी निर्णय को तत्काल वापस लिया जाए.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button