Appointment

नक्सलियों के लिए काल है ये IPS, साय सरकार ने बनाया DGP

रायपुर से जया तिवारी की रिपोर्ट : छत्तीसगढ़ सरकार ने आईपीएस अरुण देव गौतम को राज्य का नया पुलिस पुलिस महानिदेशक नियुक्त किया है। अरुण देव गौतम का जन्म 2 जुलाई 1967 को उत्तर प्रदेश के कानपुर स्थित अभयपुर गांव में हुआ था। प्रारंभिक स्कूली शिक्षा गांव में ही हुई, लेकिन हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई के लिये उन्होंने जीआईसी यानी राजकीय इंटर कॉलेज, इलाहाबाद में प्रवेश लिया. इसके बाद उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से आर्ट में ग्रेजुएशन और राजनीति शास्त्र में एम.ए. की पढ़ाई पूरी की. उन्होंने जेएनयू से अंतर्राष्ट्रीय कानून में एम फिल की डिग्री भी हासिल की. अरुण देव गौतम वर्ष 1992 में यूपीएससी सिविल सर्विसेज पास कर इंडियन पुलिस सर्विस में शामिल हुए. उन्हें मध्य प्रदेश कैडर मिला. 1993 में जब वह लाल बहादुर शास्त्री पुलिस अकादमी हैदराबाद से पास हुए तो उन्हें बतौर एएसपी प्रोबेशनर जिला जबलपुर के रूप में पदस्थ किया गया. इसके बाद में उन्होंने सीएसपी बिलासपुर, एसडीपीओ कवर्धा, एएसपी भोपाल के रूप में सफल कार्यकाल पूरा किया. वह मध्य प्रदेश पुलिस की 23 वीं बटालियन के कमांडेंट भी रह चुके हैं। इसके बाद भोपाल के एसपी के रूप में नियुक्त हुए. साल 2000 में उन्हें छत्तीसगढ़ कैडर प्रदान किया गया. पुलिस अधीक्षक के रूप में कोरिया, राजगढ़, जशपुर, राजनांदगांव, सरगुजा और बिलासपुर जिलों में कानून और व्यवस्था की कमान संभाली. बताया जाता है कि अरुण देव गौतम जहां भी रहे वहां के नक्सली और अपराधी जिले की सीमा से बाहर भाग जाते थे. अरुण देव गौतम ने यूरोपीय देश कोसोवो में एक वर्ष के लिए संयुक्त राष्ट्र मिशन में काम किया है. डीआईजी के रूप में उनकी तैनाती पुलिस हेड क्वार्टर, सीआईडी, वित्त और योजना, प्रशासन और मुख्यमंत्री सुरक्षा आदि कई अहम शाखाओं में हुई. वर्ष 2009 में प्रदेश के राजनंदगांव में नक्सली हमले में एसपी समेत 29 पुलिसकर्मी शहीद हो गये. पुलिस बल के टूटे हौसले के बीच अरुण देव गौतम को भेजा गया. उन्होंने एंटी नक्सल अभियानों का रोडमैप बनाया और खुद फ्रंट लाइन पर रहकर मुठभेड़ों में नक्सली गुटों का खात्मा किया. उनका प्रमोशन आईजी के पद पर हुआ तो कुछ महीने सशस्त्र पुलिस का प्रभार के बाद उन्हें बिलासपुर जैसे बड़े और चुनौतीपूर्ण मुश्किल रेंज का पुलिस महानिरीक्षक बनाया गया. मई 2013 में जब नक्सलियों ने झीरम घाटी हमले में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष समेत 35 कार्यकर्ताओं को मौत के घाट उतार दिया तो अरुण देव गौतम को बस्तर रेंज की कमान सौंपी गयी. उन्होंने सफलतापूर्वक चुनाव करवाया और बस्तर क्षेत्र में तब तक का सबसे अधिक मतदान प्रतिशत वाला चुनाव साबित हुआ. वह आईजी रैंक में रेलवे, प्रशिक्षण, भर्ती और यातायात आदि शाखाओं के प्रभारी बनाये गये. वह छत्तीसगढ़ के गृह सचिव जैसे महत्त्वपूर्ण पद पर रह चुके हैं. 2002 में संघर्षग्रस्त कोसोवो में सेवा देने के लिए अरुण देव गौतम को यूएन मेडल भी मिल चुका है. साल 2010 में उन्हें सराहनीय सेवाओं के लिए भारतीय पुलिस पदक और 2018 के गणतंत्र दिवस के अवसर पर विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button