छत्तीसगढ़ में सरस्वती साइकिल योजना छात्राओं के लिए बनी वरदान
रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार की मॉडल स्कीम सरस्वती साइकिल योजना छात्राओं के लिए वरदान सिद्ध हो रही है. कोरिया जिला के ग्राम जगतपुर की रहने वाली कुमारी डिम्पल के मुताबिक उनके पास साइकिल नहीं होने की वजचह से पहले 5-6 किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल जाना पड़ता था. अन्य लड़कियों को साइकिल से स्कूल आते देखकर उसे भी साइकिल चलाकर स्कूल जाने का मन करता था. इसके बाद मुख्यमंत्री साइकिल योजना के अंतर्गत उन्हें साइकिल मिलने से अब वह 15 से 20 मिनट से भी कम समय में आसानी से स्कूल पहुंच जाती है। साइकिल मिलने से अब घर के सभी सदस्य बहुत खुश हैं.
इसी तरह तिलवन डाँड़ गांव से कुमारी वंदना कुर्रे, उजियारपुर की कुमारी पलक, रटगा से अन्नू देशमुख ने सरस्वती साइकिल योजना से साइकिल मिलने पर खुशी जाहिर करते हुए बताया कि उन्हें स्कूल आने के लिए घर से लगभग एक-डेढ़ घण्टे पहले निकलना होता था. कभी पैदल तो कभी किसी के साथ बैठकर आते थे, लेकिन अब सायकिल मिलने से उन्हें दिक्कतों से निजात मिली है. शासन की पहल से शिक्षा विभाग की सरस्वती सायकल योजना ने छात्राओं के सपने को साकार किया है साथ ही पढ़ाई-लिखाई व अन्य कार्यों में भी अब यह सायकिल मददगार साबित हो रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा छात्राओं के लिए सरस्वती साइकिल योजना की शुरूवात की गई है. सरस्वती साइकिल योजना के अंतर्गत 9 वीं कक्षा में पढ़ाई करने वाली अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग और अन्य वर्ग के बीपीएल परिवार की बालिकाओं को साइकिल मुहैया कराई है. यह स्कीम एक ऐसी महत्वाकांक्षी योजना है जो ना सिर्फ बेटियों को स्कूल आने-जाने में मदद करती है, बल्कि इससे बेटियों की शिक्षा की राह सुगम हुई है.