सनातन परंपरा में शारदीय नवरात्रि की पूजा का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है. इस साल इस पावन पर्व की शुरुआत 22 सितंबर 2025 से होने जा रही है. हिंदू मान्यता के अनुसार शक्ति और भक्ति से जुड़े इस पावन पर्व में यदि कोई विधि-विधान से देवी दुर्गा की पूजा-आराधना करता है तो माता उस पर शीघ्र ही प्रसन्न होकर मनचाहा वरदान देती हैं. नवरात्रि के इन 9 दिनों में देवी के अलग-अलग स्वरूप की पूजा का विधान है. आइए जानते हैं कि नवरात्रि में किस दिन किस देवी को कोन सा भोग लगाने से साधक की मनोकामना शीघ्र पूरी होती है.
यहाँ हर दिन के लिए अलग-अलग भोग का विवरण दिया गया है:
पहला दिन (शैलपुत्री) – गाय के घी से बनी सफेद चीजें.
दूसरा दिन (ब्रह्मचारिणी) – मिश्री या शक्कर से बनी चीजें.
तीसरा दिन (चंद्रघंटा) – दूध से बनी चीजें, जैसे खीर या बर्फी.
चौथा दिन (कूष्मांडा) – मालपुआ.
पांचवां दिन (स्कंदमाता) – केले.
छठा दिन (कात्यायनी) – शहद.
सातवां दिन (कालरात्रि) – गुड़ से बनी चीजें.
आठवां दिन (महागौरी) – नारियल से बनी चीजें.
नौवां दिन (सिद्धिदात्री) – तिल से बनी चीजें.
ये भोग माता रानी को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए लगाए जाते हैं.