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नक्सलियों की हालत टाइट, शाह के दौर से पहले शांति वार्ता की अपील

रायपुर : छत्तीसगढ़ में साय सरकार जिस तरह लगातार नक्सलियों के विरुद्ध अभियान चला रही है, उससे साल भर के भीतर नक्सलियों की रिकॉर्ड गिरफ्तारी हुई है। इस दौरान बड़ी संख्या में नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। यह संख्या कांग्रेस के पांच साल के कार्यकाल से भी अधिक है। ऐसा कोई सप्ताह नहीं बीतता जब पुलिस व अर्धसैनिक बल के जवान एक बड़े नक्सल ऑपरेशन को सफल न बना दें। ऐसे में नक्सलियों का पूरा तंत्र हिल गया है। उन्हें समझ में नहीं आ रहा जाएं तो जाएं कहां। जंगल बचे नहीं, छिपे तो छिपे कहां। जहां जा रहे हैं वहीं पुलिस व अर्धसैनिक जवान उनके मार गिरा रहे हैं। पिछले 15 महीने में 359 नक्सलियों को मार गिराया गया है.जबकि 1314 नक्सलियों को हिरासत में लिया गया है. 1188 नक्सली बंदूक छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौट चुके हैँ.

ऐसी स्थिति में अब उनके पास युद्ध विराम के अलावा कोई विकल्प नहीं है। यही वजह है सीपीआई केंद्रीय समिति के प्रवक्ता अभय की ओर से एक पत्र जारी किया गया है। तेलगु भाषा में लिखे गए इस पत्र में उसने साफ शब्दों में कहा है कि अब समय आ गया है युद्ध विराम का, बिना शर्त शांति वार्ता का। अब सवाल यह है कि क्या सच में नक्सली बातचीत को तैयार हैं। क्या केंद्र और साय सरकार उनके साथ बातचीत करेगी। बहरहाल, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह साल में पांचवीं बार छत्तीसगढ़ आ रहे हैं। वह कई बार बस्तर के दौरे पर जा चुके हैं। उनके दौरे से जवानों के हौसले जहां बुलंद हैं वहीं नक्सलियों के हौसले पस्त हैं।

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