खाद बीज का अभूतपूर्व संकट, डीएपी के लिये भटक रहे है किसान – दीपक बैज
रायपुर : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि युक्तियुक्तकरण रोजगार विरोधी कदम है इससे प्रदेश में 45000 से अधिक शिक्षकों के पद समाप्त हो जायेंगे। 10463 स्कूल सीधे तौर पर बंद कर दिये गये है, नये सेटअप के नाम पर स्कूलों में शिक्षको के न्यूनतम पदो की संख्या में कटौती करके शिक्षक के हजारो पद खत्म कर दिया गया है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ में प्राइमरी स्कूलों में 21.48 छात्रो के बीच एक शिक्षक है, इस अनुपात को बढ़ाकर 30 छात्र प्रति शिक्षक और इसी तरह मीडिल स्कूलों में 26.2 छात्र प्रति शिक्षक के रेसियो को बढ़ाकर 35 छात्र प्रति शिक्षक किया जा रहा है। जिससे शिक्षको के एक तिहाई पद खत्म हो जायेंगे। नये शिक्षकों की भर्तियां न करनी पड़ी इसलिए युक्तियुक्तकरण कर रही साय सरकार। सरकारी शिक्षा व्यवस्था को चौपट करने साय सरकार ने षड्यंत्र रचा है। साय सरकार के इस फैसले का सबसे बड़ा नुकसान बस्तर और सरगुजा के आदिवासी अंचलों में पढ़ने वाले बच्चों पर पड़ेगा।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि कांग्रेस युक्तियुक्तकरण के विरोध मे प्रदेशव्यापी चरणबद्ध आंदोलन चलाएगी। सरकार के इस रोजगार और शिक्षा विरोधी कदम का डट कर विरोध किया जायेगा।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि नए सेटअप में प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में एचएम को शिक्षकीय पद मानते हुए प्राइमरी में 30 और मिडिल में 35 बच्चों के बीच एक शिक्षा का सेटअप घोषित किया गया है। प्राथमिक शालाओं में पहली व दूसरी में तीन-तीन विषय एवं तीसरी, चौथी, पांचवी में चार-चार विषय के अनुसार कुल 18 विषय होते हैं, जिन्हें वर्तमान समय में तीन शिक्षकों को 40 मिनट का 6-6 कक्षा लेना होता है, अब युक्तियुक्तकरण के नए नियम के बाद दो ही शिक्षको के द्वारा 18 कक्षाओं को पढ़ाना कैसे संभव हो सकता है? मिडिल स्कूल में तीन क्लास और 6 सब्जेक्ट इस हिसाब से कुल 18 क्लास और 60 बच्चों की कुल संख्या में एचएम और उसके साथ केवल एकमात्र शिक्षक कैसे 18 क्लास ले पाएंगे? इसके अतिरिक्त मध्याह्न भोजन की व्यवस्था डाक का जवाब और अन्य गैर शिक्षकीय कार्यों की जिम्मेदारी भी इन्हीं पर रहेगी।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि स्कूलों को जबरिया बंद किए जाने से न केवल शिक्षक बल्कि उन स्कूलों से संलग्न हजारों रसोईया, स्लीपर और मध्यान भोजन बनाने वाली महिला, स्व सहायता समूह की बहनों के समक्ष जीवन यापन का संकट उत्पन्न हो जाएगा। नए सेटअप के तहत सभी स्तर प्राइमरी, मिडिल, हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलो में शिक्षकों के न्यूनतम पदों में कटौती के चलते युवाओं के लिए नियमित शिक्षक के पद पर नई भर्ती के अवसर भी कम हो जाएंगे, शिक्षा के स्तर पर बुरा असर पड़ना निश्चित है। इसके पहले भी रमन सरकार के समय भी 3000 स्कूलों को बंद किया गया था जिन्हे कांग्रेस की सरकार बनने के बाद फिर शुरु किया गया।
खाद बीज का अभूतपूर्व संकट, डीएपी के लिये भटक रहे है किसान – दीपक बैज
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि मानसून की अग्रिम दस्तक शुरु हो गयी है खरीफ की बुवाई खाद और बीज की कमी के कारण प्रभावित हो रहा,भारतीय जनता पार्टी की डबल इंजन की सरकार छत्तीसगढ़ के अन्नदाता किसानों के लिए ट्रबल इंजन साबित हो रही है। मानसून केरल आ चुका है, पूरे प्रदेश में खरीफ फसल के बुवाई की तैयारी युद्ध स्तर पर चल रही है, खुर्रा वाले किसान प्रक्रिया शुरू कर चुके हैं, लेकिन प्रदेश में खाद और बीज की समुचित व्यवस्था यह सरकार नहीं कर पाई है। प्रदेश के ज्यादातर सोसाइटी में किसानों को डीएपी की कमी से जूझना पड़ रहा है, ज्यादातर स्थानों पर बोनी और थरहा के लिए बीज भी किसानों को नहीं मिल पा रहा है, जिसके चलते किसान परेशान हैं। पर्याप्त मात्रा में डीएपी खाद की उपलब्धता नहीं होने से किसान परेशान हैं। यह सरकार नहीं चाहती कि किसान भरपूर उपज ले सके। बोनी के समय सबसे ज्यादा आवश्यकता डीएपी खाद और बीज की ही होती है, लेकिन इस सरकार का रवैया शुतुरमुर्ग की तरह है। खरीफ फसल की बुआई का समय सर पर है लेकिन यह सरकार ना खाद के रेक की व्यवस्था कर पाई है, ना समुचित रूप से कही भंडारण की व्यवस्था है। छत्तीसगढ़ के किसानों की खाद के कुल आवश्यकता के मांग को केंद्र की मोदी सरकार ने खारिज करते हुए समुचित सप्लाई करने से मना कर दिया है, लेकिन दलीय चाटुकारिता में भाजपा के सांसद और प्रदेश की सरकार इस केंद सरकार के द्वारा छत्तीसगढ़ से भेदभाव और छत्तीसगढ़िया किसानों की उपेक्षा पर भी मौन है। सरकार एक सप्ताह के भीतर सभी सोसायटी मे पर्याप्त खाद बीज उपलब्ध नहीं करवाएगी तो कांग्रेस इसको ले कर बड़ा आंदोलन चलाएगी।