रायपुर : छत्तीसगढ़ में 17 अक्टूबर को 170 नक्सलियों ने हथियार छोड़ मुख्यधारा में लौटने का निर्णय किया. भाजपा सरकार इसे अपनी उपलब्धि बता रही है. वहीं कांग्रेस भी कहाँ पीछे रहने वाली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि आज सरकार ने फिर समर्पण इवेंट किया है. आज बस्तर में नक्सलवाद पीछे जा रहा है तो इसके पीछे कांग्रेस की नीतियां है. बस्तर में हमने विश्वास, विकास, सुरक्षा के मंत्र को लेकर पांच सालों तक जो काम किया उसी का परिणाम है आज सफलता मिल रही है.
हमारी सरकार ने दूरस्थ एरिया में सड़के बनवाई, 15 सालों की भाजपा सरकार में जहां राशन नहीं पहुंच पाता था, लोगों को और फोर्स को महीनों राशन का इंतजार करना पड़ता था वहां तक सड़के बनवाई. रिमोट एरिया में सुरक्षा बलों के कैंप बनाए.
सुरक्षा बलों और स्थानीय निवासियों के बीच बेहतर समझ का माहौल तैयार किया, लोगों का भरोसा सुरक्षा बलों के प्रति बढ़ा.
बस्तर में बंद सैकड़ों स्कूलों को फिर से चालू किया। 65 से अधिक वनोपजो को खरीदने की व्यवस्था की, उनका वैल्यू एडिशन किया, बस्तर में डेनक्स जैसे संस्थानों की स्थापना की, अबूझमाड़ में पुल बनाया। रोजगार के साधन बनाए.
हमारे प्रयासों का नतीजा था कि 2021 में ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अधिकृत तौर पर कहा कि बस्तर से नक्सलवाद 65 प्रतिशत कम हो गया है. कांग्रेस की सरकार के प्रयासों से बस्तर में नक्सलवाद 40 किमी के दायरे में सिमट गया था.यह सरकार तो केवल इवेंट कर रही, मुख्यमंत्री यह बताए कि 2024 के बाद उन्होंने कितने कैंप बनाए. बस्तर के लिया ऐसा क्या किया जिसे वे उपलब्धि बता सकते है.
आज के पहले जितने नक्सली सरेंडर किए उनका डिटेल तो यह दे नहीं पाए.
सरकार के दावे के अनुसार अभी तक दो हजार से ज्यादा नक्सली सरेंडर कर चुके है, सरकार बताए उनके द्वारा हथियार कितना जमा कराया गया. शांति की स्थापना सभी चाहते है, यह सरकार तो केवल प्रोपोगंडा कर रही. यदि आपके प्रयासों से नक्सली सरेंडर कर रहे फिर ये रोज-रोज हत्याएं कौन कर रहा?
भाजपा कार्यकर्ता की चार दिन पहले हत्या हुई, सुकमा में ग्रामीण की हत्या मुखबिर बता के कर दी गई, विद्या दूत रोज मारे जा रहे। सरकार सिर्फ आत्ममुग्ध है.
शराब बंदी की बात करने वाले शराब की काली कमाई बढ़ाने में लगे है..
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि प्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि शराब की बिक्री बढ़ाने के लिए सरकार के आबकारी सचिव के द्वारा बार संचालको, बॉटलिंग प्लांट संचालको, शराब निर्माताओं से बैठक लेकर सुझाव मांगा गया है.