छत्तीसगढ़ में विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने अपने कार्यकाल का दूसरा बजट पेश कर दिया है। यह बजट कई मायने में बेहद खास है। अपनी स्थापना के रजत जयंती वर्ष में छत्तीसगढ़ ने कुछ लक्ष्य तय किए हैं। इनमें राज्य को विकसित प्रदेश बनाने के साथ उसकी अर्थव्यवस्था को 10 लाख करोड़ के स्तर पर ले जाना है। बजट 2025-26 प्रदेश के वर्तमान आर्थिक परिदृश्य को ऊर्जा देने के साथ दीर्घकालिक आवश्यकताओं को मजबूत आधार प्रदान करता है।
2023 में विधानसभा चुनाव में जनता जनार्दन का भरोसा जीतने के बाद साय सरकार ने एक-एक कर उन सभी मोदी की गारंटियों को पूरा करना शुरू किया, जिसका वादा चुनाव के दौरान किया गया था। बकाया बोनस के साथ 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर पर धान की रिकॉर्ड खरीदी ने किसानों की आमदनी में वृद्धि के साथ ग्रामीण अर्थतंत्र में नई हलचल पैदा की। मौजूदा बजट में सरकार ने कृषक उन्नति योजना के लिए 10 हजार करोड़ रुपए की एकमुश्त रकम आवंटित कर किसानों के हित को पहली प्राथमिकता माना है।
छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था है। यह धान का कटोरा कहलाता है। धान के साथ ही सरकार ने दलहल और तिलहन न्यूनतम समर्थन मूल्य में खरीदने की घोषणा की है। इससे राज्य के किसान दाल व तिहलन के उत्पादन हेतु प्रोत्साहित होंगे। यह कृषि को समावेशी बनाने के साथ फसलचक्रीकरण के लिहाज से भी अभूतपूर्व परिणाम लेकर आएगा। राज्य के किसानों को आमदनी के नये विकल्प मुहैया कराने के लिए बजट में कृषि से जड़ी सहायक गतिविधियों जैसे मछली, बकरी, सुअर पालन जैसे व्यवसायों हेतु 200 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।
प्रदेश में डेयरी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए बनासकाठा गुजरात की तरह दुग्ध क्रांति की तैयारी है। इसके लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की विशेषज्ञता का लाभ लिया जाएगा। देश में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के प्रयासों से सहकार से समृद्धि का एक नया आर्थिक व सामाजिक मॉडल विकसित किया जा रहा है। प्रदेश में सहकारिता में छिपी क्षमता तो पहचानते हुए बजट में 500 सहकारी समितियों के गठन की घोषणा की गई है। इससे लोगों को विशेषकर महिलाओं को रोजगार के नये अवसर प्राप्त होंगे।
लगभग साल भर पहले जब महतारी वंदन योजना शुरू हुई तो विपक्ष ने लोगों को यह कहकर भ्रमित करना शुरू किया कि यह योजना लोकसभा चुनाव के बाद बंद कर दी जाएगी। महज साल भर में ही महतारी वंदन योजना न सिर्फ महिला सशक्तिकरण का उपक्रम बन गई है बल्कि इस बजट में सरकार ने 5500 करोड़ रुपए आवंटित कर मातृशक्ति के बीच भरोसे की डोर को और मजबूत कर दिया है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय किसान व जनजातीय समाज से आते हैं। ऐसे में कमजोर वर्गों के प्रति उनकी संवेदनशीलता जगजाहिर है। 2023 में सीएम बनने के बाद गरीबों को घर मुहैया कराने वाली पीएम आवास योजना से जुड़ी फाइल में जब तक उन्होंने दस्तखत नहीं कर दिया, वह सीएम आवास में दाखिल नहीं हुए। ऐसे परिवार जिन्हें अब तक पीएम आवास नहीं मिला है, उनके पक्के मकान का सपना जल्द पूरा करने के लिए बजट में 8500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
विकसित छत्तीसगढ़ का स्वप्न युवाशक्ति ही पूरा करेगी। इसके लिए जरुरी है कि उनके सपनों को उड़ान दी जाए। दुर्भाग्य से पांच साल तक प्रदेश की बागडोर संभालने वाली सरकार ने युवाओं के सपनों से सौदा करने का कोई मौका नहीं छोड़ा। पीएसीसी जैसी प्रतिष्ठित परीक्षा को भी दागदार बना दिया गया। छात्रों से परीक्षा के फॉर्म भरवाकर पैसे ले लिए जाते थे, लेकिन न तो परीक्षा का पता होता था न ही रिजल्ट जारी होता था। विगत एक साल में पीएससी की परीक्षा को पारदर्शी बनाने के साथ व्यापम द्वारा नियमित कैलेंडर जारी किया जा रहा है। वर्तमान बजट में युवाओं के लिए कई प्रावधान कर साय सरकार ने साबित कर दिया है कि यदि इच्छाशक्ति हो तो संसाधनों की कमी कभी रुकावट नहीं बनती। रायपुर में स्थापित हाईटेक नालंदा पुस्तकालय की आज देशभर में चर्चा है। यहां एक ही छत के नीचे बैठकर छात्र-छात्राएं विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं से जुड़ी पुस्तकें व समाधान प्राप्त करते हैं। बजट में राज्य के अलग-अलग हिस्से में 17 और नालंदा लाइब्रेरी बनने जा रही हैं। इसी क्रम में नवा रायपुर में एजुकेशन सिटी बनने से पूरे प्रदेश के युवाओं को फायदा होगा।
आज युवा शक्ति में छिपी संभावनाओं को अवसर में तब्दील करने के लिए उन्हें जॉब मार्केट की आवश्यकताओं के अनुसार दक्ष बनाना होगा। प्रदेश के युवा वित्त मंत्री ने इस बात को भलीभांति समझा है। उन्होंने बजट में राष्ट्रीय फैशन संस्थान की स्थापना की घोषणा कर युवाओं को बड़ी सौगात दी है। आईटीआई और पॉलिटेक्निक के आधुनिकीकरण का निर्णय प्रदेश के युवाओं में छिपे हुनर को निखारने का काम करेगा।
प्रदेश सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को जन जन तक पहुंचाने में सरकारी कमर्चारियों अहम भूमिका होती है। साय सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के DA में 53 फीसदी वृद्धि कर होली से पहले ही हर घर में खुशियों का रंग भर दिया है। पेट्रोल में वैट की दर एक बड़ा मुद्दा रहा है। हालांकि राज्य सरकारों के पास इसमें कमी की अधिक गुंजाइश नहीं रहती, बावजूद इसके सरकार ने पेट्रोल पर वैट एक रुपए घटा दिया है। इसका सीधा असर लोगों की जेब पर पड़ेगा।
सीएम विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली साय सरकार महिलाओं की सुरक्षा को लेकर संवेदनशील है तभी तो कोरबा, जांजगीर चांपा, सूरजपुर में 3 नए महिला पुलिस थाने स्थापित किए जाएंगे। यही नहीं पांच जिलों में साइबर थाने भी शुरू होंगे। सीआईएसएफ की तर्ज पर राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल (एसआईएसएफ) का गठन होगा। राज्य मार्च 2026 तक माओवाद की दंश से बाहर आ जाएगा। बजट में नक्सल प्रभावित जिलों को 220 करोड़ रुपए की सहायता का ऐलान किया गया है, इससे नक्सल विरोधी मुहिम में तेजी आएगी।
प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान योजना तथा धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के लिए आर्थिक प्रोत्साहन का लाभ जनजातीय उत्थान के रूप में सामने आएगा। जशपुर के कुनकुरी में मेडिकल कॉलेज की स्थापना जैसे निर्णय ने इस बजट को समावेशी बनाया है। ज्ञान की विरासत से सिंचिंत यह बजट निश्चित रूप से अंत्योदय के संकल्प को पूरा करते हुए विकसित छत्तीसगढ़ के अभियान को गति देगा।
लेखक : अरविंद मिश्रा, वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।