भारत सरकार के एआईसीटीई और स्किलेबल ने 10 लाख स्टूडेंट्स का कौशल बढ़ाने के लिए लॉन्च किया उन्नत तकनीकी शिक्षा प्रोग्राम ‘संबाव’
नई दिल्ली : उभरती तकनीकें सीखने के लिए अनुभावनात्मक शिक्षा में अग्रणी, स्किलेबल ने आज एक महत्वपूर्ण पहल- संबाव (बिजनेस-टू-एकेडमिक वेंचर्स के लिए स्किलेबल का एकेडमिक मॉडल) की शुरुआत की है। इसके लिए उन्होंने, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई), शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के साथ साझेदारी की है। यह एक अनूठा प्रोग्राम है, जिसे शैक्षणिक और उद्योग के बीच के अंतर को दूर करने के लिए तकनीकी शिक्षा को नए रूप में पेश किया गया है। इससे एक ऐसा कार्यबल तैयार हो रहा है जोकि सैद्धांतिक अवधारणाओं का वास्तविक दुनिया में इस्तेमाल करने में दक्ष है।
संबाव के मूल में अनूठा शिक्षा विज्ञान निहित है जोकि कठोर शैक्षणिक सिद्धांतों को व्यावहारिक, प्रायोगिक रूप से सीखने के रोमांच के साथ बड़े ही सहजता के साथ सामंजस्य बिठाता है। इससे स्टूडेंट्स एक बेहद ही बदलावकारी सफर की शुरुआत करेंगे और पेशेवर क्षेत्र में सामने आने वाली जटिलताओं और चुनौतियों के मद्देनजर सटीकता से तैयार किए गए प्रोजेक्ट्स के साथ जुड़ेंगे। यह तरीका उद्योग के दिग्गजों द्वारा दिया गया है, जिससे अत्याधुनिक तकनीकों और वास्तविक जीवन में उनके इस्तेमाल करने की गहन समझ विकसित होती है।
दुनिया की कौशल (स्किल) राजधानी बनाने की भारत सरकार के नजरिये के अनुरूप, एआईसीटीई ने (एआई), वेरी लार्ज स्केल इंटीग्रेशन (वीएलएसआई), बिजनेस इंटेलिजेंस (बीआई), डिसीजन इंटेलिजेंस (डीआई), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी), और साइबर सुरक्षा जैसी उभरती हुई तकनीकों पर ध्यान केंद्रित किया है। इसके साथ ही 40 करोड़ स्टूडेंट्स, शिक्षकों और शिक्षार्थियों के लिए स्किलिंग, री-स्किलिंग और अपस्किलिंग के लिए उच्च प्राथमिकताएं तय की गई हैं। 4.8 करोड़ पंजीकृत स्टूडेंट्स और 48 लाख इंटर्नशिप के साथ एआईसीटीई का सुदृढ़ इंटर्नशिप पोर्टल (https://internship.aicte-india.org/) संबाव पहल का मददगार होगा और इससे स्टूडेंट्स को व्यावहारिक ज्ञान मिलेगा।
स्किलेबल के फाउंडर, अंकुर गोयल कहते हैं, “तकनीक की दुनिया बहुत ही तेजी से बदल रही है, जिससे पेशेवरों की तत्काल आवश्यकता बढ़ेगी, जोकि बड़ी ही सहजता से अपने ज्ञान को व्यावहारिक रूप से लागू कर सैद्धांतिक आधार का पता लगा पाएंगे।“ संबाव के माध्यम से हम भविष्य के लिए एक ऐसा रास्ता तैयार कर रहे हैं जहां तकनीकी शिक्षा पांरपरिक सीमाओं से परे जाकर स्टूडेंट्स को नवाचार का वास्तुकार बनने और प्रगति का माध्यम बनने में सशक्त बना रहा है। एआईसीटीई के साथ हमारी साझेदारी, प्रतिभाओं की खान को निखारने की दिशा में बढ़ाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है, जोकि बड़े ही आत्मविश्वास के साथ आधुनिक तकनीकी क्षेत्र की जटिलताओं का पता लगा सकते हैं, वहीं बदलाव की लहर पैदा कर सकते हैं।“
चंद्रशेखर बुद्धा, चीफ कोऑर्डिनेटिंग ऑफिसर, एआईसीटीई का कहना है, ‘‘एआईसीटीई भविष्य के लिए तैयार कार्यबल को संवारने के लिए प्रतिबद्ध है, जोकि अनूठेपन, विकास को बढ़ावा दे सके और तकनीकी क्षेत्र को एक नई ऊंचाइयों पर ले जा सकें। संबाव के माध्यम से स्केलेबल के साथ हमारी साझेदारी, स्टूडेंट्स को उद्योग-अनुरूप पाठ्यक्रम और बहुमूल्य व्यावहारिक ज्ञान के साथ सशक्त बनाने के हमारे संकल्प को दर्शाता है। इससे वे बिना किसी रुकावट के शैक्षणिक क्षेत्र से पेशेवर क्षेत्र में प्रवेश करने में सक्षम हो पाते हैं।’’
संबाव कार्यक्रम स्टूडेंट्स को आधुनिक प्रौद्योगिकी फर्म्स की मांगों के अनुसार कौशल और अनुभव से लैस करने के लिए तैयार की गई सुविधाओं का एक विस्तृत सुइट प्रदान करता है :
उद्योग-अनुरूप करिकुलम : सीखने के परिणामों और उद्योगों की मौजूदा जरूरतों के बीच सामंजस्य बिठाते हुए तकनीकी क्षेत्र के वैश्विक लीडर्स द्वारा बताए गए अत्याधुनिक तकनीकों और तरीकों को बारे में जानकारी हासिल करना।
प्रोजेक्ट-आधारित लर्निंग : उद्योग के बेहतरीन विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में सटीकता से तैयार किए प्रोजेक्ट्स के बारे में गहनता से जानना, सैद्धांतिक अवधारणाओं को व्यावहारिक, वास्तविक दुनिया के अनुरूप लागू करना सिखाता है।
वर्चुअल इंटर्नशिप : स्किलेबल द्वारा प्रदान किए जा रहे वर्चुअल इंटर्नशिप के माध्यम से उद्योग के वर्कफ्लो और प्रक्रियाओं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी हासिल करने से, शैक्षणिक और पेशेवर क्षेत्र के बीच का अंतर काफी कम हो जाता है।
इंटरैक्टिव सत्र : तकनीकी उद्योग के दिग्गजों तथा पेशेवरों के नेतृत्व में आयोजित आकर्षक इंटरैक्टिव सत्र में हिस्सा लेने से, उद्योग के ट्रेंड्स, सबसे बेहतर तरीकों और उभरती तकनीकों के बारे में गहरी जानकारी प्राप्त होती है।
निरंतर मूल्यांकन : उद्योग के जाने-माने विशेषज्ञों के समक्ष कठोर अवलोकन, प्रोजेक्ट का मूल्यांकन और फाइनल प्रोजेक्ट प्रस्तुत करने से, अर्जित की गई कुशलता तथा ज्ञान का सही आकलन हो पाता है।